नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को पानीपत, हरियाणा में हुआ था। उनका परिवार एक साधारण किसान परिवार था। बचपन से ही नीरज को खेलों में गहरी रुचि थी, खासकर एथलेटिक्स में। उनके परिवार ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें खेलों में प्रोत्साहित किया। आज हम आपको इस आर्टिकल में Neeraj Chopra Biography डिटेल में बताने वाले है।
Neeraj Chopra Biography OVerview
नाम | नीरज चोपड़ा |
जन्म | 24 दिसंबर सन 1997 |
जन्म स्थान | हरियाणा |
उम्र | 26 वर्ष |
पिता का नाम | सतीश कुमार |
माता का नाम | श्री मति सरोज देवी |
कुल संपत्ति, नेटवर्थ | लगभग 5 मिलियन डॉलर |
शिक्षा | ग्रेजुएसन |
खिलाड़ी | भाला फेंक |
धर्म | हिन्दू |
जाति | खत्री |
वर्तमान में ओलंपिक में खेलो की संख्या | 33 |
ओलंपिक खेल के जनक | Jigoro Kano |
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
इनका जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के एक छोटे से गाँव खांदरा में एक किसान के घर हुआ था। पेशे से उनकी माँ सरोज देवी और पिता सतीश कुमार हैं। नीरज चोपड़ा 5.97 फीट लंबे हैं, उनका वजन 86 किलोग्राम है और उनकी उम्र 26 साल है। जानकारी बताती है कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पानीपत और चंडीगढ़ में बीबीए कॉलेज की शिक्षा ली। नीरज बेहद मोटे हुआ करते थे। उनका वजन लगभग अस्सी किलोग्राम था। इस वजह से, उन्हें दूसरे लोग चिढ़ाते थे, लोग उन्हें सरपंच कहकर बुलाते थे और कहते थे कि उनका चेहरा सरपंच जैसा दिखता है। परिणामस्वरूप उनके परिवार वाले भी बेहद परेशान थे। उन्हें हर चीज का सामना करना मुश्किल लगता था। वह वास्तव में गुस्सा हो जाता था। उसने एक जिम में दाखिला ले लिया।
करियर की शुरुवात
बचपन से ही वह स्टेडियम में दौड़ता रहा है। वह दौड़ता था, भले ही उसका मन न करता हो, लेकिन जब उसने स्टेडियम में दूसरे खिलाड़ियों को भाला फेंकते देखा, तो उसे भी ऐसा करने की इच्छा हुई। फिर नीरज ने भी भाला फेंकना शुरू कर दिया। नीरज चोपड़ा के कोच जर्मन उवे होन ने उन्हें भाला फेंकना सिखाना शुरू किया, क्योंकि उन्होंने बिना किसी पूर्व प्रशिक्षण के 40 मीटर तक भाला फेंककर ट्रेनर को भी चौंका दिया था। 2016 में, नीरज ने पोलैंड में IAAF वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता था।
सेना ने इस बात से खुश होकर उन्हें राजपूताना रेजिमेंट में जूनियर कमीशन अधिकारी नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया। उनकी प्रतिभा के कारण उन्हें डायरेक्ट ऑफिसर का पद दिया गया। नीरज चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि वह अपने परिवार के पहले सदस्य हैं जिन्हें सरकारी नौकरी मिली है। कहा जाता है कि जब जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, तो अवसर भी खुद ही सामने आते हैं। अगर उनका वजन ज़्यादा नहीं होता, तो वह स्टेडियम नहीं जाते, भाला फेंकने वालों को नहीं देखते या खुद भाला फेंकने की कोशिश करने के बारे में भी नहीं सोचते।
नीरज चोपड़ा की कुल संपत्ति, नेटवर्थ
इस समय नीरज चोपड़ा ओलंपिक में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। तेरह साल पहले भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता था। उन्हें कई सम्मान और इस बार स्वर्ण पदक मिला है। इसलिए अगर नीरज चोपड़ा की कुल संपत्ति की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक यह 5 मिलियन डॉलर के आसपास है।
नीरज चोपड़ा के पुरस्कार
- दक्षिण एशियाई खेल – 2016 में स्वर्ण पदक
- एशियाई जूनियर चैंपियनशिप – 2016 में रजत पदक
- विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप – 2016 में स्वर्ण पदक
- एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप – 2017 में स्वर्ण पदक
- एशियाई खेल – 2018 में स्वर्ण पदक
- राष्ट्रमंडल खेल – 2018 में स्वर्ण पदक
- टोक्यो ओलंपिक खेल – 2021 में स्वर्ण पदक
Neeraj Chopra Gold Medal की राह तक
नीरज को 2019 में कोहनी में चोट लगी थी, जिसके कारण वह एक साल से ज़्यादा समय तक खेल से बाहर रहे। उनकी सर्जरी हुई और उन्हें वापस शेप में आने के लिए काफ़ी मेहनत करनी पड़ी।
निष्कर्ष
Neeraj Chopra Biography, नीरज चोपड़ा की कहानी प्रेरणा का आदर्श उदाहरण है। हरियाणा के एक साधारण किसान परिवार से निकलकर, उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से एथलेटिक्स में ऊँचाइयाँ छुईं। उनके शानदार करियर और उपलब्धियों, जैसे कि टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक, ने उन्हें भारतीय खेलों में एक अमिट छाप छोड़ी है।