भारत के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति रहे हैं। खास तौर पर मुंबई में उनके मानवीय कार्य, करिश्माई नेतृत्व और आम जनता के साथ तालमेल ने उन्हें एक लोकप्रिय व्यक्ति बना दिया है। Baba Siddique Biography, करियर और उपलब्धियों का विवरण नीचे दिया गया है।
Baba Siddique Biography Overview
पूरा नाम | बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी |
उम्र | 66 साल |
जन्म तारीख | 13 सितंबर,1959 |
जन्म स्थान | गोपालगंज, बिहार, भारत |
मृत्यु की तारीख | 12 अक्टूबर 2024 |
मृत्यु का स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यु का कारण | फायरिंग |
शिक्षा | बी.कॉम |
कॉलेज | एम.एम.के.कॉलेज, मुंबई |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | अब्दुल रहीम सिद्दीकी |
माता का नाम | रजिया सिद्दीकी |
पत्नी का नाम | शहजीम सिद्दीकी |
बाबा सिद्दीकी का जन्म और परिवार
जियाउद्दीन सिद्दीकी, या हिंदी में “बाबा सिद्दीकी कोन थे”, बाबा सिद्दीकी का पूरा नाम था। उनका जन्म 13 सितंबर, 1959 को पटना में हुआ था। हालाँकि, बाबा सिद्दीकी गोपालगंज के मूल निवासी थे और पटना में नहीं रहते थे। बाद में उन्होंने अपना पूरा जीवन मुंबई में बिताया। उनका परिवार व्यवसाय में था। रजिया सिद्दीकी उनकी माँ का नाम था, और अब्दुल रहीम सिद्दीकी उनके पिता थे।
बाबा सिद्दीकी ने हिंदू महिला अलका बिंद्रा से शादी की; इसके बाद सिद्दीकी ने अपनी पत्नी का नाम बदलकर शाहजीम सिद्दीकी रख दिया और उसका नाम और धर्म दोनों बदल दिया। अर्शिया सिद्दीकी और जीशान सिद्दीकी बाबा सिद्दीकी के दो बच्चों के नाम हैं, जो हिंदू परिवार में पैदा हुए और इस्लाम धर्म अपना लिया। अर्शिया सिद्दीकी एक डॉक्टर के तौर पर काम करती हैं और उनके बेटे जीशान सिद्दीकी, जो विधायक भी हैं, अपने पिता की तरह राजनीति में शामिल हैं। एनसीपी में शामिल होने से पहले वे कांग्रेस में थे।
राजनीतिक करियर
बाबा सिद्दीकी अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। बांद्रा यूथ कांग्रेस के बाद, बाबा सिद्दीकी को 1980 में बांद्रा तालुका का महासचिव नियुक्त किया गया। 1982 में बाबा सिद्दीकी को बांद्रा तालुका यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। उसके बाद, बाबा सिद्दीकी की मेहनत ने उन्हें 1988 में मुंबई यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनने में मदद की। इसके बाद, बाबा सिद्दीकी ने 1992 से 1997 तक दो बार नगर निगम पार्षद के रूप में कार्य किया। 8 फरवरी, 2024 को बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, 12 फरवरी, 2024 को वे अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्य बन गए।
शाहरुख खान और सलमान खान की दोस्ती
हर साल बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरती है। 2013 में बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी ने सबसे ज्यादा मीडिया का ध्यान खींचा था। उस समय सलमान खान और शाहरुख खान एक दूसरे के विरोधी थे। हालांकि, बाबा सिद्दीकी की इस पार्टी में शाहरुख खान और सलमान खान एक दूसरे को जानते थे और गले मिलते थे। वे बाबा सिद्दीकी के दोस्त बन गए। उस समय मीडिया में इस मुद्दे पर खूब खबरें छपी थीं। ऐसा माना जा रहा था कि इस इफ्तार पार्टी में दोनों सितारों के बीच का झगड़ा सुलझ गया।
नेट वर्थ
बाबा सिद्दीकी की कुल संपत्ति करोड़ों में है। ईडी ने 2018 में बाबा सिद्दीकी की 462 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भी इसे जब्त किया गया था। बाबा सिद्दीकी और पिरामिड डेवलपर्स के 33 अपार्टमेंट जब्त किए गए, जिनकी कीमत करीब 462 करोड़ रुपए है। यह पूरी संपत्ति बांद्रा वेस्ट में स्थित है। बाबा सिद्दीकी ने चुनाव आयोग को हलफनामा दिया, जिसमें उन्होंने 76 करोड़ रुपए की संपत्ति का ब्योरा दिया। हालांकि, उनकी वास्तविक संपत्ति के बारे में सटीक जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
बाबा सिद्दीकी की मौत
12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी पर हमला हुआ (बाबा सिद्दीकी की मौत कैसे हुई)। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सिद्दीकी को रात करीब 9.30 बजे उनके बेटे जीशान जो कि बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं, के दफ्तर के पास गोली मारी गई। उन्हें पेट के पास तीन गोलियां मारी गईं। बाद में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराए जाने पर सिद्दीकी को मृत घोषित कर दिया गया। बाबा सिद्दीकी के दो करीबी दोस्तों सलमान खान और शाहरुख खान ने उनके निधन पर दुख जताया है।
निष्कर्ष
Baba Siddique Biography, बाबा सिद्दीकी महाराष्ट्र में एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने जीवन भर सामाजिक कार्य और राजनीति में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनका स्थायी प्रभाव उनके आकर्षक नेतृत्व, जनता के प्रति प्रतिबद्धता और मजबूत पारस्परिक संबंधों द्वारा बनाया गया था। उनकी असामयिक मृत्यु के बाद भी, उनका परिवार और उनके द्वारा छुए गए जीवन उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।