यह लेख Article 350 (अनुच्छेद 350) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 350 (Article 350) – Original
भाग 17 [राजभाषा] अध्याय 4 – विशेष निदेश |
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350. व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा— प्रत्येक व्यक्ति किसी व्यथा के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को, यथास्थिति, संघ में या राज्य में प्रयोग होने वाली किसी भाषा में अभ्यावेदन देने का हकदार होगा। |
Part XVII [OFFICIAL LANGUAGE] CHAPTER IV.—SPECIAL DIRECTIVES |
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350. Language to be used in representations for redress of grievances— Every person shall be entitled to submit a representation for the redress of any grievance to any officer or authority of the Union or a State in any of the languages used in the Union or in the State, as the case may be. |
🔍 Article 350 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 17, अनुच्छेद 343 से लेकर अनुच्छेद 351 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग राजभाषा (Official Language) के बारे में है। इस भाग को तीन अध्यायों में बांटा गया है जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं;\
Chapters | Titles | Articles |
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I | संघ की भाषा (Language of the Union) | 343-344 |
II | प्रादेशिक भाषाएं (Regional Language) | 345-347 |
III | उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों आदि की भाषा (Language of Supreme and High Courts etc.) | 348-349 |
IV | विशेष निदेश (Special Directives) | 350-351 |
इस लेख में हम “विशेष निदेश (Special Directives)” अध्याय के तहत आने वाले, अनुच्छेद 350 को समझने वाले हैं;
⚫ Article 120 (Language to be used in Parliament) ⚫ Article 210 (Language to be used in the Legislature) |
| अनुच्छेद 350 – व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा (Language to be used in representations for redress of grievances)
जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक भाषायी विविधता वाला देश है। 22 भाषाएँ तो सिर्फ संविधान में वर्णित है इसके अलावा भी विभिन्न भाषा परिवारों की सैंकड़ों भाषाएँ भारत में बोली जाती है।
अनुच्छेद 345 के तहत हमने राज्य की राजभाषा (Official language of the State) को बहुत ही विस्तारपूर्वक समझा है। अनुच्छेद 346 के तहत हमने एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा के बारे समझा।
अनुच्छेद 348 के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा की बात की गई है। इसी से आगे की बात करता है अनुच्छेद 349।
अनुच्छेद 350 के तहत व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा का वर्णन है। आइये इसे समझें;
अनुच्छेद 350 के तहत कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति किसी व्यथा के निवारण के लिए संघ या राज्य के किसी अधिकारी या प्राधिकारी को, यथास्थिति, संघ में या राज्य में प्रयोग होने वाली किसी भाषा में अभ्यावेदन देने का हकदार होगा।
यह अनुच्छेद किसी शिकायत के निवारण की मांग करते समय प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद की भाषा में प्रतिनिधित्व प्रस्तुत करने के अधिकार की गारंटी देता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो यह अनुच्छेद यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तियों को अपनी शिकायतें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों या प्राधिकारियों को उस भाषा में बताने का अधिकार है जिसमें वे सहज हों। संविधान में सातवाँ संशोधन अधिनियम की मदद से इस अनुच्छेद में संशोधन किया गया और अनुच्छेद 350A और अनुच्छेद 350B जोड़ा गया। जिसे कि आप नीचे दिये गए लिंक की मदद से समझ सकते हैं;
तो यही है अनुच्छेद 350, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ Article 350A ◾ Article 350B |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |