यह लेख Article 335 (अनुच्छेद 335) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं; |
📜 अनुच्छेद 335 (Article 335) – Original
भाग 16 [कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध] |
---|
335. सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे— संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियां करने में, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा 1[परन्तु इस अनुच्छेद की कोई बात अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में, संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं के किसी वर्ग या वर्गों में या पदों पर प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए, किसी परीक्षा में अर्हक अंकों में छूट देने या मूल्यांकन के मानकों को घटाने के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।] |
Part XVI [SPECIAL PROVISIONS RELATING TO CERTAIN CLASSES] |
---|
335. Claims of Scheduled Castes and Scheduled Tribes to services and posts — The claims of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes shall be taken into consideration, consistently with the maintenance of efficiency of administration, in the making of appointments to services and posts in connection with the affairs of the Union or of a State: 1[Provided that nothing in this article shall prevent in making of any provision in favour of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes for relaxation in qualifying marks in any examination or lowering the standards of evaluation, for reservation in matters or promotion to any class or classes of services or posts in connection with the affairs of the Union or of a State.] |
🔍 Article 335 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 16, अनुच्छेद 330 से लेकर अनुच्छेद 342 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध (Special provision in respect of certain classes) के बारे में है। इस भाग के अंतर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों को सम्मिलित किया गया है;
- लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण (Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the Lok Sabha)
- राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण (Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the Legislative Assemblies of the States)
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes)
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes)
- पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग (National Commission for Backward Classes), इत्यादि।
इस लेख में हम अनुच्छेद 335 को समझने वाले हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations) |
| अनुच्छेद 335 – सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे (Claims of Scheduled Castes and Scheduled Tribes to services and posts)
अनुच्छेद 335 के तहत सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे के बारे में बात की गई है।
अनुच्छेद 335 के तहत कहा गया है कि संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदों के लिए नियुक्तियां करने में, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा;
परन्तु इस अनुच्छेद की कोई बात अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के पक्ष में, संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं के किसी वर्ग या वर्गों में या पदों पर प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए, किसी परीक्षा में अर्हक अंकों में छूट देने या मूल्यांकन के मानकों को घटाने के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
जैसा कि हम जानते हैं कि SC एवं ST वर्ग को विभिन्न स्तरों पर आरक्षण मिलता है, जिससे एक बात का खतरा हमेशा बना रहता है वो है प्रशासनिक दक्षता पर बुरा प्रभाव। ऐसा इसीलिए क्योंकि आरक्षण में आमतौर पर SC एवं ST के लिए अलग मानक होते हैं।
अनुच्छेद 335, जिसके तहत ये कहा गया है कि SC एवं ST को मिलने वाले आरक्षण से प्रशासनिक दक्षता पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। पर होता ये था कि SC एवं ST वर्ग के व्यक्ति को क्वॉलिफ़िकेशन मार्क्स में छूट दिया जाता था या उनके मानकों को घटा दिया जाता था।
इसी को ध्यान में रख कर सुप्रीम कोर्ट ने विनोद कुमार बनाम भारत सरकार मामला 1996 में प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखकर इस तरह के छूट को रद्द कर दिया।
सरकार को ये पसंद नहीं आयी और इसे फिर से लागू करने के लिए 82वां संविधान संशोधन 2000 के माध्यम से अनुच्छेद 335 में लिखवा दिया कि एससी या एसटी वर्ग के पक्ष में किसी पद के संबंध में या प्रोन्नति में आरक्षण देने के लिए, ली जाने वाली परीक्षाओं में क्वॉलिफ़िकेशन मार्क्स घटाया जा सकता है या फिर मूल्यांकन मानक में कमी की जा सकती है।
| इस सब को विस्तार से समझने के लिए यहां से शुरुआत करें; ◾ भारत में आरक्षण (Reservation in India) [1/4]↗
Article 335 in the Nutshell
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 335 संघ या राज्य के मामलों के संबंध में सेवाओं और पदों पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दावों से संबंधित है।
यह प्रकट करता है कि:
संघ या राज्य के मामलों के संबंध में सेवाओं और पदों पर नियुक्तियाँ करते समय, प्रशासन की दक्षता बनाए रखने के साथ, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के दावों को ध्यान में रखा जाएगा।
इसका मतलब यह है कि जब सरकार नौकरियों में नियुक्तियां कर रही है, तो उसे प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की आवश्यकता के साथ-साथ एससी और एसटी के दावों पर भी विचार करना चाहिए।
दूसरे शब्दों में, सरकार को एससी और एसटी को नौकरी पर रखने का उचित मौका देने और यह सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करनी चाहिए कि सरकार प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम है।
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए नौकरियों में आरक्षण सकारात्मक कार्रवाई का एक रूप है जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इन समूहों का सरकारी कार्यबल में प्रतिनिधित्व हो।
कुल मिलाकर भारतीय संविधान का अनुच्छेद 335 एक जटिल एवं विवादास्पद मुद्दा है। हालाँकि, यह एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो सामाजिक न्याय और समानता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तो यही है अनुच्छेद 335 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ भारत में आरक्षण (Reservation in India) [1/4] ◾ आरक्षण का विकास क्रम (Evolution of Reservation) [3/4] |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
Related MCQs with Explanation
Question 1: Article 335 of the Indian Constitution deals with:
(a) The power of the Union Government to levy surcharges on the taxes levied by the State Governments
(b) The power of the State Governments to levy taxes on goods and services
(c) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess
(d) The claims of the members of the Scheduled Castes and the Scheduled Tribes to services and posts in connection with the affairs of the Union or of a State
Click to Answer
Question 2:
According to Article 335, while making appointments to services and posts, what should be considered?
A. Economic status
B. Educational qualifications
C. Administrative Efficiency
D. Religious affiliations
Click to Answer
Question 3:
Which of the following articles is related to the relaxation of qualifying marks for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in examinations for reserved posts?
A. Article 330
B. Article 332
C. Article 333
D. Article 335
Click to Answer
| Related Article
⚫ अनुच्छेद 336 – भारतीय संविधान |
⚫ अनुच्छेद 334 – भारतीय संविधान |
⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |