Article 330 of the Constitution | अनुच्छेद 330 व्याख्या

यह लेख Article 330 (अनुच्छेद 330) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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Article 330 अनुच्छेद 330

📜 अनुच्छेद 330 (Article 330) – Original

भाग 16 [कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध]
330. लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण— (1) लोक सभा में
(क) अनुसूचित जातियों के लिए,
1[(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए, और]
(ग) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए, स्थान आरक्षित रहेंगे।

(2) खंड (1) के अधीन किसी राज्य 2[या संघ राज्यक्षेत्र] में अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, लोक सभा में उस राज्य 2[या संघ राज्यक्षेत्र] को आबंटित स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो, यथास्थिति, उस राज्य 2[या संघ राज्यक्षेत्र] की अनुसूचित जातियों की अथवा उस राज्य 2[या संघ राज्यक्षेत्र की या उस राज्य 2[या संघ राज्यक्षेत्र] के भाग की अनुसूचित जनजातियों की, जिनके संबंध में स्थान इस प्रकार आरक्षित हैं, जनसंख्या का अनुपात उस राज्य 2[ संघ राज्यक्षेत्र] की कुल जनसंख्या से है।

3[(3) खंड (2) में किसी बात के होते हुए भी, लोक सभा में असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस राज्य को आबंटित स्थानों की कुल संख्या के उस अनुपात से कम नहीं होगा जो उक्त स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस राज्य की कुल जनसंख्या से है।]

4[स्पष्टीकरण— इस अनुच्छेद में और अनुच्छेद 332 में, “जनसंख्या” पद से ऐसी अंतिम पूर्ववर्ती जनगणना में अभिनिश्चित की गई जनसंख्या अभिप्रेत है जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो गए हैं;

परन्तु इस स्पष्टीकरण में अंतिम पूर्ववर्ती जनगणना के प्रति, जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो गए हैं, निर्देश का, जब तक सन्‌ 5[2026] के पश्चात्‌ की गई पहली जनगणना के सुसंगत आंकड़े प्रकाशित नहीं हो जाते हैं, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह 6[2001] की जनगणना के प्रति निर्देश है।]
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1. संविधान (इक्यावनवां संशोधन) अधिनियम, 1984 की धारा 2 द्वारा (16-6-1986 से) उपखंड (ख) के स्थान पर प्रतिस्थापित।
2. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा (1-11-1956 से) अंतःस्थापित।
3. संविधान (इकतीसवां संशोधन) अधिनियम, 1973 की धारा 3 द्वारा (17-10-1973 से) अंतःस्थापित।
4. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 47 द्वारा (3-1-1977 से) अंतःस्थापित ।
5. संविधान (चौरासीवां संशोधन) अधिनियम, 2001 की धारा 6 द्वारा “2000” के स्थान पर (21-2-2002 से) प्रतिस्थापित।
6. संविधान (सतासीवां संशोधन) अधिनियम, 2003 की धारा 5 द्वारा “1991″ के स्थान पर (22-6-2003 से) प्रतिस्थापित।

अनुच्छेद 329 हिन्दी संस्करण

Part XVI [SPECIAL PROVISIONS RELATING TO CERTAIN CLASSES]
330. Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the House of the People— (1) Seats shall be reserved in the House of the People for —
(a) the Scheduled Castes;
1[(b) the Scheduled Tribes except the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam; and]
(c) the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam.
(2) The number of seats reserved in any State 2[or Union territory] for the Scheduled Castes or the Scheduled Tribes under clause (1) shall bear, as nearly as may be, the same proportion to the total number of seats allotted to that State 2[or Union territory] in the House of the People as the population of the Scheduled Castes in the State 2[or Union territory] or of the Scheduled Tribes in the State 2[or Union territory] or part of the State 2[or Union territory], as the case may be, in respect of which seats are so reserved, bears to the total population of the State 2[or Union territory].

3[(3) Notwithstanding anything contained in clause (2), the number of seats reserved in the House of the People for the Scheduled Tribes in the autonomous districts of Assam shall bear to the total number of seats allotted to
that State a proportion not less than the population of the Scheduled Tribes in the said autonomous districts bears to the total population of the State.]

4[Explanation.—In this article and in article 332, the expression “population” means the population as ascertained at the last preceding census of which the relevant figures have been published:

Provided that the reference in this Explanation to the last preceding census of which the relevant figures have been published shall, until the relevant figures for the first census taken after the year 5[2026] have been
published, be construed as a reference to the 6[2001] census.]
=====================
1.Subs. by the Constitution (Fifty-first Amendment) Act, 1984, s. 2, for sub-clause (b) (w.e.f. 16-6-1986).
2. Ins. by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956).
3. Ins. by the Constitution (Thirty-first Amendment) Act, 1973, s. 3 (w.e.f. 17-10-1973).
4. Ins. by the Constitution (Forty-second Amendment) Act, 1976, s. 47 (w.e.f. 3-1-1977).
5. Subs. by the Constitution (Eighty-fourth Amendment) Act, 2001, s. 6, for “2000” (w.e.f. 21-2-2002).
6. Subs. by the Constitution (Eighty-seventh Amendment) Act, 2003, s. 5, for “1991” (w.e.f. 22-6-2003).

Article 330 English Version

🔍 Article 330 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 16, अनुच्छेद 330 से लेकर अनुच्छेद 342 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग कुछ वर्गों के संबंध में विशेष उपबंध (Special provision in respect of certain classes) के बारे में है। इस भाग के अंतर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों को सम्मिलित किया गया है;

  1. लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण (Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the Lok Sabha)
  2. राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण (Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the Legislative Assemblies of the States)
  3. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes)
  4. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes)
  5. पिछड़े वर्गों के लिए राष्ट्रीय आयोग (National Commission for Backward Classes), इत्यादि।

इस लेख में हम अनुच्छेद 330 को समझने वाले हैं;

⚫ ◾ भारत में आरक्षण (Reservation in India) [1/4]
Closely Related to Article 330

| अनुच्छेद 330 – लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण (Reservation of seats for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the House of the People)

अनुच्छेद 330 के तहत लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण के बारे में बात की गई है। इस अनुच्छेद के तहत कुल 3 खंड आते हैं;

अनुच्छेद 330 के खंड (1) तहत कहा गया है कि लोक सभा में
(क) अनुसूचित जातियों के लिए,
(ख) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर अन्य अनुसूचित जनजातियों के लिए, और
(ग) असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए,
स्थान आरक्षित रहेंगे।

इस खंड के तहत लोक सभा में अनुसूचित जातियों के लिए, अनुसूचित जनजातियों के लिए एवं असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों को आरक्षित किया गया है; कितने स्थान आरक्षित किए गए हैं उसके बारे में अगले खंड में बताया गया है।

असम में स्वायत्त जिला लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में तीन स्वायत्त जिले शामिल हैं:

दीमा हसाओ
कार्बी आंगलोंग
पश्चिम कार्बी आंगलोंग

निर्वाचन क्षेत्र की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।

अनुच्छेद 330 के खंड (2) तहत कहा गया है कि खंड (1) के अधीन किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र में अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, लोक सभा में उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र को आबंटित स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो, यथास्थिति, उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की अनुसूचित जातियों की अथवा उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की या उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भाग की अनुसूचित जनजातियों की, जिनके संबंध में स्थान इस प्रकार आरक्षित हैं, जनसंख्या का अनुपात उस राज्य संघ राज्यक्षेत्र की कुल जनसंख्या से है।

यह अनुच्छेद मोटे तौर पर कहता है कि – लोकसभा के संदर्भ में, किसी राज्य में या संघ राज्य क्षेत्र में एससी एवं एसटी के लिए आरक्षित सीटों की संख्या का अनुपात, लोकसभा में या राज्य विधानसभाओं में उस राज्य को आवंटित स्थानों की कुल संख्या से यथासंभव वही होगा जो उसकी जनसंख्या का अनुपात उस राज्य के कुल जनसंख्या में है। [नीचे दिये गए उदाहरण से इसे समझें]

इसे समझने के लिए बिहार का उदाहरण लेते हैं, जहां लोकसभा की 40 सीटें है। बिहार की कुल जनसंख्या का लगभग 15 प्रतिशत लोग एससी वर्ग में आते हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि 40 सीटों में से 15 प्रतिशत भाग पर एससी सीटों का आरक्षण होगा; यानी कि 6 सीटों पर, और ये वहाँ होगा जहां पर उसकी आबादी है।

वहीं बिहार की कुल जनसंख्या का लगभग 1 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग में आते हैं इसीलिए बिहार में एसटी वर्ग को लोकसभा में कोई आरक्षण नहीं मिलता है। कम से कम 1 सीट पाने के लिए कम से कम 2.5 से 3 प्रतिशत की एसटी आबादी होनी चाहिए।

अनुच्छेद 330 के खंड (3) तहत कहा गया है कि खंड (2) में किसी बात के होते हुए भी, लोक सभा में असम के स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस राज्य को आबंटित स्थानों की कुल संख्या के उस अनुपात से कम नहीं होगा जो उक्त स्वशासी जिलों की अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस राज्य की कुल जनसंख्या से है।

यहाँ पर ये याद रखिए,

 सीटों की गणना के लिए 2001 की जनगणना का इस्तेमाल किया जाता है। और जब तक 2026 के बाद पहली जनगणना नहीं हो जाती है तब तक यही जनगणना आरक्षण का आधार रहेगा। 

 2008 में परिसीमन आयोग (delimitation commission) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, लोकसभा के 543 सीटों में से 84 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित है, 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है और 412 सीटें सामान्य वर्ग के लिए।

इसका ये मतलब नहीं है एससी एवं एसटी वर्ग के लोग इसके अलावा अन्य सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हाँ, जहां ये सीटें आरक्षित है और अन्य वर्गों के प्रत्यासी इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सामान्य लोग सिर्फ 412 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं।

 अब महिलाओं के लिए भी लोकसभा एवं विधानसभा में आरक्षण की व्यवस्था शुरू की जा रही है, इसके बारे में अब भी स्पष्ट जानकारी आना बाकी है।  स्थानीय स्व-शासनों (local self-governments) जैसे कि पंचायत एवं नगर पालिका चुनाव में महिलाओं को 1/3 प्रतिशत आरक्षण मिलता है।

तो यही है अनुच्छेद 330 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग [NCSC]
Must Read

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Related MCQs with Explanation

Question 1: Article 330 of the Indian Constitution deals with:

(a) The reservation of seats for Scheduled Castes (SCs) and Scheduled Tribes (STs) in the House of the People (Lok Sabha)
(b) The power of the Union Government to levy surcharges on the taxes levied by the State Governments
(c) The power of the State Governments to levy taxes on goods and services
(d) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess




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Answer: (a) Explanation: Article 330 of the Indian Constitution mandates the reservation of seats for Scheduled Castes (SCs) and Scheduled Tribes (STs) in the House of the People (Lok Sabha) to ensure their adequate representation in the legislature.


Question 2: What is the purpose of reserving seats for SCs and STs in the Lok Sabha under Article 330?

(a) To promote social justice and equality by ensuring the representation of historically marginalized groups
(b) To provide special privileges to SCs and STs at the expense of other groups
(c) To compensate for the past discrimination faced by SCs and STs
(d) All of the above




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Answer: (d) Explanation: Article 330 aims to address the historical marginalization and discrimination faced by SCs and STs by providing them with a guaranteed representation in the Lok Sabha, fostering social justice and equality.


Question 3: Who determines the percentage of seats reserved for SCs and STs in the Lok Sabha under Article 330?

(a) The Parliament of India
(b) The Election Commission of India
(c) The President of India
(d) The Supreme Court of India




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Answer: (c) Explanation: The President of India, upon the recommendation of a Delimitation Commission, determines the percentage of seats reserved for SCs and STs in the Lok Sabha, ensuring fair representation based on their population distribution.


Question 4: What is the significance of Article 330 in the Indian political system?

(a) It ensures the representation of marginalized groups and promotes social inclusion
(b) It reflects India’s commitment to affirmative action and equal opportunities
(c) It has facilitated the political participation and empowerment of SCs and STs
(d) All of the above




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Answer: (d) Explanation: Article 330 plays a significant role in the Indian political system by ensuring the representation of marginalized groups, promoting social inclusion, and reflecting India’s commitment to affirmative action and equal opportunities.


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Important Pages of Compilation
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।