यह लेख Article 327 (अनुच्छेद 327) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 327 (Article 327) – Original
भाग 15 [निर्वाचन] |
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327. विधान-मंडलों के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति-— इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संसद् समय-समय पर, विधि द्वारा, संसद् के प्रत्येक सदन या किसी राज्य के विधान-मंडल के सदन या प्रत्येक सदन के लिए निर्वाचनों से संबंधित या संसक्त सभी विषयों के संबंध में, जिनके अंतर्गत निर्वाचक- नामावली तैयार कराना, निर्वाचन-क्षेत्रों का परिसीमन और ऐसे सदन या सदनों का सम्यक् गठन सुनिश्चित करने के लिए अन्य सभी आवश्यक विषय हैं, उपबंध कर सकेगी। |
Part XV [Elections] |
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327. Power of Parliament to make provision with respect to elections to Legislatures— Subject to the provisions of this Constitution, Parliament may from time to time by law make provision with respect to all matters relating to, or in connection with, elections to either House of Parliament or to the House or either House of the Legislature of a State including the preparation of electoral rolls, the delimitation of constituencies and all other matters necessary for securing the due constitution of such House or Houses. |
🔍 Article 327 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 15, अनुच्छेद 324 से लेकर अनुच्छेद 329 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग निर्वाचन (Elections) के बारे में है। भारत का चुनाव आयोग (ECI) एक स्वायत्त और स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है जो भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने और संचालित करने के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया के प्रबंधन के लक्ष्य के साथ 25 जनवरी 1950 को की गई थी। ECI राष्ट्रपति से लेकर राज्य विधान सभा तक के चुनावों की देखरेख का प्रभारी है।
इस भाग के अंतर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों को सम्मिलित किया गया है;
- चुनाव आयोग (Election Commission)
- वयस्क मताधिकार की व्यवस्था (adult suffrage system)
- निर्वाचन के मामले में न्यायालय का हस्तक्षेप न होना (non-interference of the court in the matter of election)
- विधान मंडलों के निर्वाचन के मामले में संसद द्वारा कानून बनाने का प्रावधान (Provision for Parliament to make laws in the matter of elections to the Legislatures); इत्यादि।
इस लेख में हम अनुच्छेद 327 को समझने वाले हैं;
⚫ ◾ भारत का चुनाव आयोग (ECI) |
| अनुच्छेद 327 – विधान-मंडलों के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति (Power of Parliament to make provision with respect to elections to Legislatures)
अनुच्छेद 327 के तहत विधान-मंडलों के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद् की शक्ति के बारे में बात की गई है।
अनुच्छेद 327 के तहत कहा गया है कि इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संसद् समय-समय पर, विधि द्वारा, संसद् के प्रत्येक सदन या किसी राज्य के विधान-मंडल के सदन या प्रत्येक सदन के लिए निर्वाचनों से संबंधित या संसक्त सभी विषयों के संबंध में, जिनके अंतर्गत निर्वाचक- नामावली तैयार कराना, निर्वाचन-क्षेत्रों का परिसीमन और ऐसे सदन या सदनों का सम्यक् गठन सुनिश्चित करने के लिए अन्य सभी आवश्यक विषय हैं, उपबंध कर सकेगी।
यह अनुच्छेद संसद को चुनाव से संबंधित मामलों पर कानून बनाने का व्यापक अधिकार देता है, इस अधिकार में मतदाता सूची (पात्र मतदाताओं की सूची), निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन (किसी क्षेत्र को चुनावी जिलों में विभाजित करने की प्रक्रिया) और संबंधित अन्य मामले की तैयारी शामिल है।
यहां यह याद रखिए कि यह शक्ति इस संविधान के प्रावधानों के अधीन है। इसका मतलब यह है कि चुनाव के संबंध में संसद द्वारा पारित कोई भी कानून संविधान के अन्य प्रावधानों से संगत होनी चाहिए।
◾ संसद ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत कई कानून बनाए हैं, जिनमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन (संसद और विधानसभा) अधिनियम, 2008 और चुनाव आयोग अधिनियम, 1991 शामिल हैं।
◾ अनुच्छेद 82 के तहत, संसद प्रत्येक जनगणना के बाद एक परिसीमन अधिनियम (Delimitation Act) बनाती है। राज्यों में यह काम अनुच्छेद 170 के तहत किया जाता है।
अधिनियम लागू होने के बाद, केंद्र सरकार एक परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का गठन करती है। पहला परिसीमन आयोग अधिनियम 1952 में अधिनियमित किया गया था। भारत में पहला परिसीमन 1950-51 में राष्ट्रपति द्वारा (चुनाव आयोग की मदद से) किया गया था।
साल 1952, 1962, 1972 और 2002 में अधिनियमित परिसीमन आयोग अधिनियमों के तहत चार बार – 1952, 1963, 1973 और 2002 में परिसीमन आयोगों का गठन किया गया है।
आप यहाँ देख सकते हैं कि 1951 के जनगणना के बाद 1952 में परिसीमन आयोग का गठन किया गया। इसी तरह से 1961 की जनगणना के बाद 1962 में और 1971 की जनगणना के बाद 1972 में परिसीमन आयोग का गठन किया गया।
परिसीमन (Delimitation) के कॉन्सेप्ट को विस्तार से समझने के लिए दिये गए लेख को अवश्य पढ़ें; Delimitation (परिसीमन): अर्थ व आयोग [Concept]↗
तो यही है अनुच्छेद 327 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ चुनावी पद्धति के प्रकार (Types of Electoral System) ◾ आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) : Concept |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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Question 1: Article 327 of the Indian Constitution deals with:
(a) The power of the Union Government to levy taxes on goods and services
(b) The power of the State Governments to levy surcharges on the taxes levied by the Union Government
(c) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess
(d) The power of the Parliament to make provision with respect to all matters relating to, or in connection with, elections to either House of Parliament or to the House or either House of the Legislature of a State
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Question 2: The Parliament has made a number of laws under Article 327 of the Indian Constitution, including:
(a) The Representation of the People Act, 1950
(b) The Delimitation of Constituencies (Parliaments and Assembly) Act, 2008
(c) The Election Commission Act, 1991
(d) All of the above
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Question 3: Article 327 of the Indian Constitution is an important provision because it ensures that the Parliament has the power to make laws with respect to all matters relating to elections.
True
False
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |