यह लेख Article 319 (अनुच्छेद 319) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं; |
📜 अनुच्छेद 319 (Article 319) – Original
भाग 14 [संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं] अध्याय 2 – लोक सेवा आयोग |
---|
319. आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध— पद पर न रह जाने पर— (क) संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा ; (ख) किसी राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप में अथवा किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ; (ग) संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में या किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ; (घ) किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य के रूप में अथवा उसी या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा। |
Part XIV [SERVICES UNDER THE UNION AND THE STATES] CHAPTER II.— PUBLIC SERVICE COMMISSIONS |
---|
319. Prohibition as to the holding of offices by members of Commission on ceasing to be such members— On ceasing to hold office— (a) the Chairman of the Union Public Service Commission shall be ineligible for further employment either under the Government of India or under the Government of a State; (b) the Chairman of a State Public Service Commission shall be eligible for appointment as the Chairman or any other member of the Union Public Service Commission or as the Chairman of any other State Public Service Commission, but not for any other employment either under the Government of India or under the Government of a State; (c) a member other than the Chairman of the Union Public Service Commission shall be eligible for appointment as the Chairman of the Union Public Service Commission or as the Chairman of a State Public Service Commission, but not for any other employment either under the Government of India or under the Government of a State; (d) a member other than the Chairman of a State Public Service Commission shall be eligible for appointment as the Chairman or any other member of the Union Public Service Commission or as the Chairman of that or any other State Public Service Commission, but not for any other employment either under the Government of India or under the Government of a State. |
🔍 Article 319 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 14, अनुच्छेद 308 से लेकर अनुच्छेद 323 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं (SERVICES UNDER THE UNION AND THE STATES) के बारे में है। जो कि दो अध्याय में बंटा हुआ है जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं;
Chapters | Subject | Articles |
---|---|---|
I | सेवाएं (Services) | 308 – 314 |
II | लोक सेवा आयोग (Public Services Commissions) | 315 – 323 |
इस लेख में हम दूसरे अध्याय “लोक सेवा आयोग (Public Services Commissions) ” के तहत आने वाले अनुच्छेद 319 को समझने वाले हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations) |
| अनुच्छेद 319 – आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध (Prohibition as to the holding of offices by members of Commission on ceasing to be such members)
अनुच्छेद 319 के तहत आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध की व्यवस्था है। यह अनुच्छेद अपने पूर्ववर्ती अनुच्छेदों (अनुच्छेद 315, अनुच्छेद 316, अनुच्छेद 317 एवं अनुच्छेद 318) का ही विस्तार है, तो पहले के अनुच्छेदों को अवश्य पढ़ें।
अनुच्छेद 319 के तहत कहा गया है कि संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य का पद पर न रह जाने पर निम्नलिखित चीज़ें हो सकती है;
(क) संघ लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा ;
(ख) किसी राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्य के रूप में अथवा किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ;
(ग) संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में या किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा ;
(घ) किसी राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से भिन्न कोई अन्य सदस्य संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य के रूप में अथवा उसी या किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, किन्तु भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा।
अनुच्छेद 319 के निहितार्थ:
इन प्रतिबंधों का उद्देश्य यूपीएससी और एसपीएससी के पूर्व सदस्यों को सरकार के भीतर आगे रोजगार सुरक्षित करने के लिए अपने ज्ञान और पहुंच का उपयोग करने से रोकना है। यह भर्ती और चयन प्रक्रियाओं के संचालन में इन आयोगों की तटस्थता और निष्पक्षता की रक्षा करता है।
अनुच्छेद 319 यूपीएससी और एसपीएससी की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और प्रभावशीलता की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये आयोग विभिन्न सरकारी पदों के लिए उच्च योग्य और सक्षम व्यक्तियों का चयन करने के लिए जिम्मेदार हैं। उनकी सत्यनिष्ठा को बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना कि उनके निर्णय पूर्वाग्रह से मुक्त हों, सुशासन और राष्ट्र के समग्र कल्याण के लिए आवश्यक है।
तो यही है अनुच्छेद 319 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
Related MCQs with Explanation
Question 1: Article 319 of the Indian Constitution deals with:
(a) The power of the Union Government to levy taxes on goods and services
(b) The power of the State Governments to levy surcharges on the taxes levied by the Union Government
(c) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess
(d) The prohibition as to the holding of offices by members of the Commission on ceasing to be such members
Click to Answer
Question 2: The purpose of Article 319 of the Indian Constitution is to:
(a) Protect the financial autonomy of the PSCs
(b) Ensure the independence and impartiality of the PSCs
(c) Prevent the misuse of power by members of the PSCs
(d) All of the above
Click to Answer
Question 3: The prohibition under Article 319 of the Indian Constitution applies to:
(a) The Chairman of the Union Public Service Commission
(b) Members of the Union Public Service Commission
(c) Chairpersons of State Public Service Commissions
(d) Members of State Public Service Commissions
(e) All of the above
Click to Answer
Question 4: The prohibition under Article 319 of the Indian Constitution is not absolute. There are some exceptions to the prohibition, such as:
(a) A member of a State Public Service Commission can be appointed as the Chairman or another member of the Union Public Service Commission.
(b) A member of a State Public Service Commission can be appointed as the Chairman of another State Public Service Commission.
(c) Both (a) and (b) are true.
(d) None of the above
Click to Answer
Question 5: Article 319 of the Indian Constitution is an important provision because it helps to:
(a) Maintain the integrity of the Public Service Commissions
(b) Promote the fair and efficient recruitment of civil servants
(c) Uphold the principles of good governance
(d) All of the above
Click to Answer
| Related Article
⚫ अनुच्छेद 320 – भारतीय संविधान |
⚫ अनुच्छेद 318 – भारतीय संविधान |
⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |