Article 304 of the Constitution | अनुच्छेद 304 व्याख्या

यह लेख Article 304 (अनुच्छेद 304) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 304 (Article 304) – Original

भाग 13 [भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम]
304. राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन— अनुच्छेद 301 या अनुच्छेद 303 में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा,-

(क) अन्य राज्यों 1[या संघ राज्यक्षेत्रों] से आयात किए गए माल पर कोई ऐसा कर अधिरोपित कर सकेगा जो उस राज्य में विनिर्मित या उत्पादित वैसे ही माल पर लगता है, किन्तु इस प्रकार कि उससे इस तरह आयात किए गए माल और ऐसे विनिर्मित या उत्पादित माल के बीच कोई विभेद न हो ; या

(ख) उस राज्य के साथ या उसके भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता पर ऐसे युक्तियुक्त निर्बंधन अधिरोपित कर सकेगा जो लोक हित में अपेक्षित हों।

परंतु खंड (ख) के प्रयोजनों के लिए कोई विधेयक या संशोधन राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना किसी राज्य के विधान-मंडल में पुरःस्थापित या प्रस्तावित नहीं किया जाएगा।
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1. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 का धारा 29 और अनुसूची द्वारा (1-11-1956 से) अंतःस्थाप।

अनुच्छेद 304 हिन्दी संस्करण

Part XIII [TRADE, COMMERCE AND INTERCOURSE WITHIN THE TERRITORY OF INDIA]
304 . Restrictions on trade, commerce and intercourse among States—Notwithstanding anything in article 301 or article 303, the Legislature of a State may by law—
(a) impose on goods imported from other States 1[or the Union territories] any tax to which similar goods manufactured or produced in that State are subject, so, however, as not to discriminate between goods so imported and goods so manufactured or produced; and

(b) impose such reasonable restrictions on the freedom of trade, commerce or intercourse with or within that State as may be required in the public interest:

Provided that no Bill or amendment for the purposes of clause (b) shall be introduced or moved in the Legislature of a State without the previous sanction of the President.
============
1. Ins. by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956).

Article 304 English Version

🔍 Article 304 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 13, अनुच्छेद 301 से लेकर अनुच्छेद 307 तक में विस्तारित है। जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम (TRADE, COMMERCE AND INTERCOURSE WITHIN THE
TERRITORY OF INDIA) के बारे में है।

संविधान के इस भाग केअंतर्गत कुल 7 अनुच्छेद आते हैं जिसमें से एक अनुच्छेद (अनुच्छेद 306) को निरसित (Repealed) कर दिया गया है। यानि कि अभी भाग 13 में 6 वर्किंग अनुच्छेद है। इस लेख में हम अनुच्छेद 304 को समझने वाले हैं;

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| अनुच्छेद 304 – राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन (Restrictions on trade, commerce and intercourse among States)

Article 304 के तहत राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन का वर्णन है।

अनुच्छेद 304 के तहत अनुच्छेद 301 या अनुच्छेद 303 में किसी बात के होते हुए भी, किसी राज्य के विधान-मंडल को विधि द्वारा कुछ उपबंध करने की शक्ति दी गई है जो कि कुछ इस प्रकार है;

(क) राज्य विधानमंडल राज्यों या संघ राज्यक्षेत्रों से आयात किए गए माल पर कोई ऐसा कर लगा सकता है जो उस राज्य में उत्पादित वैसे ही माल पर लगता है।

हालांकि राज्य विधानमंडल को यह ध्यान रखना होगा कि इस प्रकार से आयात किए गए माल और ऐसे विनिर्मित या उत्पादित माल के बीच कोई विभेद न हो ; या

(ख) राज्य विधानमंडल उस राज्य के साथ या उसके भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता पर ऐसे युक्तियुक्त निर्बंधन अधिरोपित कर सकेगा जो लोक हित में अपेक्षित हों।

हालांकि खंड (ख) के प्रयोजनों के लिए कोई विधेयक या संशोधन राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी के बिना किसी राज्य के विधान-मंडल में पुरःस्थापित या प्रस्तावित नहीं किया जाएगा।

तो यही है अनुच्छेद 304 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Article 303 of the Constitution | अनुच्छेद 303 व्याख्या
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Question 1: Which of the following is NOT a valid reason for imposing restrictions on interstate trade and commerce under Article 304 of the Indian Constitution?

(a) To protect the domestic industries
(b) To ensure food security
(c) To maintain public order
(d) To generate revenue for the government




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Answer: (d) Explanation: The purpose of Article 304 is to promote the free movement of goods and services across the country. Restrictions can be imposed on interstate trade and commerce only in the public interest, not to generate revenue for the government.


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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।