यह लेख Article 301 (अनुच्छेद 301) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 301 (Article 301) – Original
भाग 13 [भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम] |
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301. व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता— इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र व्यापार, वाणिज्य और समागम अबाध होगा। |
Part XIII [TRADE, COMMERCE AND INTERCOURSE WITHIN THE TERRITORY OF INDIA] |
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301. Freedom of trade, commerce and intercourse—Subject to the other provisions of this Part, trade, commerce and intercourse throughout the territory of India shall be free. |
🔍 Article 301 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 13, अनुच्छेद 301 से लेकर अनुच्छेद 307 तक में विस्तारित है। जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम (TRADE, COMMERCE AND INTERCOURSE WITHIN THE
TERRITORY OF INDIA) के बारे में है।
संविधान के इस भाग के अंतर्गत कुल 7 अनुच्छेद आते हैं जिसमें से एक अनुच्छेद (अनुच्छेद 306) को निरसित (Repealed) कर दिया गया है। यानि कि अभी भाग 13 में 6 वर्किंग अनुच्छेद है। इस लेख में हम अनुच्छेद 301 को समझने वाले हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations) |
| अनुच्छेद 301 – व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता (Freedom of trade, commerce and intercourse)
Article 301 के तहत व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता (Freedom Of Trade, Commerce And Intercourse) का वर्णन है।
अनुच्छेद 301 के तहत कहा गया है कि इस भाग के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए, भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र व्यापार, वाणिज्य और समागम अबाध होगा।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 301 भारत के क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि इस संविधान के प्रावधानों के अधीन, भारत के पूरे क्षेत्र में व्यापार, वाणिज्य और समागम मुक्त होंगे।
इसका मतलब यह है कि सामान, सेवाएँ, व्यक्ति और पूंजी बिना किसी प्रतिबंध या बाधा के देश भर में स्वतंत्र रूप से आ-जा सकते हैं। यह भारतीय संविधान का मूलभूत सिद्धांत है और देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है।
अनुच्छेद 301 भारतीय अर्थव्यवस्था के एकीकरण को बढ़ावा देता है और देश भर में वस्तुओं, सेवाओं और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है। यह बाज़ार में प्रतिस्पर्धा और दक्षता को भी बढ़ावा देता है।
हालाँकि, अनुच्छेद 301 पूर्ण नहीं है और व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता के कुछ अपवाद हैं। उदाहरण के लिए, सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्यों के लिए व्यापार, वाणिज्य और समागम पर प्रतिबंध लगा सकती है।
अनुच्छेद 304 के खंड दो के तहत, राज्यों को अपने नागरिकों के बीच व्यापार, वाणिज्य और अन्य प्रकार की बातचीत के मुक्त प्रवाह को सीमित करने की अनुमति है यदि ऐसा करना सार्वजनिक हित में माना जाता है। हालाँकि, राष्ट्रपति की सहमति के बिना ऐसा कोई भी विधेयक या संशोधन राज्य विधानमंडल में पेश नहीं किया जा सकता है।
अनुच्छेद 301 के अपवाद न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं और सरकार को यह प्रदर्शित करना होगा कि वैध सार्वजनिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबंध आवश्यक और आनुपातिक हैं।
अनुच्छेद 301 भारतीय संविधान का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो आर्थिक वृद्धि, विकास और एकीकरण को बढ़ावा देता है। यह भारतीय बाजार अर्थव्यवस्था की आधारशिला है और देश की दीर्घकालिक समृद्धि के लिए आवश्यक है।
यहां पर तीन महत्वपूर्ण टर्म्स व्यापार (Trade), वाणिज्य (Commerce) एवं समागम (intercourse) का जिक्र किया गया है। आइये इसे समझ लेते हैं;
व्यापार (Trade) क्या है?
“व्यापार (Trade)” का तात्पर्य व्यावसायिक लाभ के लिए उत्पादों की खरीद और बिक्री से है। अनुच्छेद 301 में, “व्यापार” एक स्पष्ट लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए एक वास्तविक, नियोजित और संरचित गतिविधि को संदर्भित करता है। अनुच्छेद 301 के संदर्भ में, “व्यापार” और “व्यवसाय” का अर्थ एक ही है।
व्यापार में अक्सर पैसे के बदले में एक व्यक्ति या संस्था से दूसरे व्यक्ति को वस्तुओं और सेवाओं का हस्तांतरण शामिल होता है। अर्थशास्त्री एक ऐसी प्रणाली या नेटवर्क का उल्लेख करते हैं जो व्यापार को एक बाज़ार के रूप में अनुमति देता है।
वाणिज्य (Commerce) क्या है?
धनप्राप्ति के उद्देश्य से वस्तुओं का क्रय-विक्रय करना व्यापार है, तथा इसके सहायक दौनों को मिलाकर वाणिज्य बनता है। किसी उत्पादन या व्यवसाय का वह भाग जो उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं की उनके उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के बीच विनिमय से सम्ब्न्ध रखता है, वाणिज्य कहलाता है।
वाणिज्य गतिविधियों, कार्यों, प्रक्रियाओं और संस्थानों की बड़े पैमाने पर संगठित प्रणाली है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वस्तुओं और सेवाओं के सुचारू, निर्बाध वितरण और हस्तांतरण में योगदान करती है।
समागम (Intercourse) क्या है?
यह किसी चीज़ को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है। सभी प्रकार के लेनदेन, वाणिज्यिक गतिविधि और अन्य, समागम में शामिल हैं। इसमें कहीं जाना और अन्य लोगों के साथ बातचीत करना भी शामिल है।
तो यही है अनुच्छेद 301 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ राज्य विधानमंडल (State Legislature): गठन, कार्य, आदि ◾ भारतीय संसद (Indian Parliament): Overview |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
MCQs related to Article 301 with Explanation
Question 1: Article 301 of the Indian Constitution deals with:
(a) The freedom of trade, commerce, and intercourse throughout the territory of India
(b) The power of the Union Government to levy taxes on goods and services
(c) The power of the State Governments to levy surcharges on the taxes levied by the Union Government
(d) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess
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Question 2: The purpose of Article 301 is to:
(a) Promote economic unity and reduce trade barriers between states
(b) Protect the interests of domestic producers from foreign competition
(c) Ensure that all citizens of India have equal access to economic opportunities
(d) All of the above
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Question 3: Article 301 has been interpreted by the Supreme Court of India to mean that:
(a) The freedom of trade, commerce, and intercourse should be interpreted liberally and in favor of the citizens
(b) The restrictions that may be imposed on the freedom of trade, commerce, and intercourse must be reasonable and in the public interest
(c) The Parliament and the State Legislatures have a wide discretion to impose restrictions on the freedom of trade, commerce, and intercourse
(d) All of the above
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Question 4: Article 301 is an important provision of the Indian Constitution that helps to:
(a) Promote economic development and prosperity
(b) Protect the interests of consumers
(c) Ensure that all citizens of India have equal access to economic opportunities
(d) All of the above
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |