यह लेख Article 294 (अनुच्छेद 294) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं; |
📜 अनुच्छेद 294 (Article 294) – Original
भाग 12 [वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद] अध्याय 3 – संपति, संविदाएं अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं ऑर वाद |
---|
294. कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार— इस संविधान के प्रारंभ से ही— (क) जो संपत्ति और आस्तियां ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले भारत डोमिनियन की सरकार के प्रयोजनों के लिए हिज मजेस्टी में निहित थीं और जो संपत्ति और आस्तियां ऐसे प्रारंभ से ठीक पहले प्रत्येक राज्यपाल वाले प्रांत की सरकार के प्रयोजनों के लिए हिज मजेस्टी में निहित थीं, वे सभी इस संविधान के प्रारंभ से पहले पाकिस्तान डोमिनियन के या पश्चिमी बंगाल, पूर्वी बंगाल, पश्चिमी पंजाब और पूर्वी पंजाब प्रांतों के सृजन के कारण किए गए या किए जाने वाले किसी समायोजन के अधीन रहते हुए क्रमशः संघ और तत्स्थानी राज्य में निहित होंगी; और (ख) जो अधिकार, दायित्व और बाध्यताएं भारत डोमिनियन की सरकार की और प्रत्येक राज्यपाल वाले प्रांत की सरकार की थीं, चाहे वे किसी संविदा से या अन्यथा उद्धृत हुई हों, वे सभी इस संविधान के प्रारंभ से पहले पाकिस्तान डोमिनियन के या पश्चिमी बंगाल, पूर्वी बंगाल, पश्चिमी पंजाब और पूर्वी पंजाब प्रांतों के सृजन के कारण किए गए या किए जाने वाले किसी समायोजन के अधीन रहते हुए क्रमशः भारत सरकार और प्रत्येक तत्स्थानी राज्य की सरकार के अधिकार, दायित्व और बाध्यताएं होंगी। |
Part XII [FINANCE, PROPERTY, CONTRACTS AND SUITS] Chapter 3 – PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS |
---|
294. Succession to property, assets, rights, liabilities and obligations in certain cases— As from the commencement of this Constitution— (a) all property and assets which immediately before such commencement were vested in His Majesty for the purposes of the Government of the Dominion of India and all property and assets which immediately before such commencement were vested in His Majesty for the purposes of the Government of each Governor’s Province shall vest respectively in the Union and the corresponding State, and (b) all rights, liabilities and obligations of the Government of the Dominion of India and of the Government of each Governor’s Province, whether arising out of any contract or otherwise, shall be the rights, liabilities and obligations respectively of the Government of India and the Government of each corresponding State, subject to any adjustment made or to be made by reason of the creation before the commencement of this Constitution of the Dominion of Pakistan or of the Provinces of West Bengal, East Bengal, West Punjab and East Punjab. |
🔍 Article 294 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 12, अनुच्छेद 264 से लेकर अनुच्छेद 300क तक कुल 4अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Chapters | Title | Articles |
---|---|---|
I | वित्त (Finance) | Article 264 – 291 |
II | उधार लेना (Borrowing) | Article 292 – 293 |
III | संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) | Article 294 – 300 |
IV | संपत्ति का अधिकार (Rights to Property) | Article 300क |
जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) के बारे में है।
संविधान का यही वह भाग है जिसके अंतर्गत हम निम्नलिखित चीज़ें पढ़ते हैं;
- कर व्यवस्था (Taxation System)
- विभिन्न प्रकार की निधियाँ (different types of funds)
- संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States)
- भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा उधार लेने की व्यवस्था (Borrowing arrangement by Government of India or State Government)
- संपत्ति का अधिकार (Rights to Property), इत्यादि।
संविधान के इस भाग (भाग 12) का तीसरा अध्याय, संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) से संबंधित है। इस लेख में हम अनुच्छेद 294 को समझने वाले हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations) |
| अनुच्छेद 294 – कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार (Succession to property, assets, rights, liabilities and obligations in certain cases)
Article 294 के तहत कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्वों और बाध्यताओं का उत्तराधिकार का वर्णन है।
अनुच्छेद 294 के तहत मुख्य रूप से दो बातें की गई है;
पहली बात) इस संविधान के प्रारंभ से सभी संपत्ति, जो संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले, भारत डोमिनियन सरकार के प्रयोजनों के लिए ब्रिटिश ताज में निहित थी। इसी तरह से सभी संपत्ति जो संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रत्येक राज्यपाल के प्रांत की सरकार के प्रयोजनों के लिए ब्रिटिश ताज में निहित थीं, क्रमशः संघ और संबंधित राज्य में निहित होंगी।
कहने का अर्थ है कि जो संपत्ति संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले, भारत डोमिनियन सरकार के प्रयोजनों के लिए ब्रिटिश ताज में निहित थी वो संविधान के लागू हो जाने के बाद संघ (केंद्र) के पास आ जाएगी।
और जो संपत्ति संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले प्रत्येक राज्यपाल के प्रांत की सरकार के प्रयोजनों के लिए ब्रिटिश ताज में निहित थीं वो संविधान लागू होने पर राज्य को मिलेगी।
हालांकि यहां यह याद रखिए कि यह व्यवस्था पाकिस्तान डोमिनियन या पश्चिम बंगाल, पूर्वी बंगाल, पश्चिम पंजाब और पूर्वी पंजाब प्रांतों के इस संविधान के प्रारंभ से पहले निर्माण के कारण किए गए या किए जाने वाले किसी भी समायोजन के अधीन है।
दूसरी बात) इस संविधान के प्रारंभ से ही भारत डोमिनियन की सरकार और प्रत्येक राज्यपाल के प्रांत की सरकार के सभी अधिकार, दायित्व और बाध्यताएं (चाहे वे किसी अनुबंध से उत्पन्न हुए हों या अन्यथा) क्रमशः भारत सरकार और प्रत्येक संबंधित राज्य की सरकार के अधिकार, दायित्व और बाध्यताएं होंगे।
हालांकि यहां यह याद रखिए कि यह व्यवस्था पाकिस्तान डोमिनियन या पश्चिम बंगाल, पूर्वी बंगाल, पश्चिम पंजाब और पूर्वी पंजाब प्रांतों के इस संविधान के प्रारंभ से पहले निर्माण के कारण किए गए या किए जाने वाले किसी भी समायोजन के अधीन है।
कुल मिलाकर, अनुच्छेद 294 का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि पुनर्गठन से प्रभावित राज्यों की संपत्ति, अधिकार, देनदारियां और दायित्व नए राज्यों या मौजूदा राज्यों को संशोधित सीमाओं के साथ स्थानांतरित कर दिए गए थे। इससे राज्यों के बीच संपत्ति और संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर विवादों को रोकने में मदद मिली।
तो यही है अनुच्छेद 294 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
Related MCQs with Explanation
0 votes, 0 avg
27
| Related Article
⚫ अनुच्छेद 295 – भारतीय संविधान |
⚫ अनुच्छेद 293 – भारतीय संविधान |
⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |