यह लेख Article 287 (अनुच्छेद 287) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 287 (Article 287) – Original
भाग 12 [वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद] अध्याय 1 – वित्त (प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध) |
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287. विद्युत पर करों से छूट — वहां तक के सिवाय, जहां तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध करे, किसी राज्य की कोई विधि (किसी सरकार द्वारा या अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पादित) विद्युत के उपभोग या विक्रय पर जिसका — (क) भारत सरकार द्वारा उपभोग किया जाता है या भारत सरकार द्वारा उपभोग किए जाने के लिए उस सरकार को विक्रय किया जाता है, या (ख) किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में भारत सरकार या किसी रेल कंपनी द्वारा, जो उस रेल को चलाती है, उपभोग किया जाता है अथवा किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में उपभोग के लिए उस सरकार या किसी ऐसी रेल कंपनी को विक्रय किया जाता है, कोई कर अधिरोपित नहीं करेगी या कर का अधिरोपण प्राधिकृत नहीं करेगी और विद्युत के विक्रय पर कोई कर अधिरोपित करने या कर का अधिरोपण प्राधिकृत करने वाली कोई ऐसी विधि यह सुनिश्चित करेगी कि भारत सरकार द्वारा उपभोग किए जाने के लिए उस सरकार को, या किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में उपभोग के लिए यथापूर्वोक्त किसी रेल कंपनी को विक्रय की गई विद्युत की कीमत, उस कीमत से जो विद्युत का प्रचुर मात्रा में उपभोग करने वाले अन्य उपभोक्ताओं से ली जाती है, उतनी कम होंगी जितनी कर की रकम है । |
Part XII [FINANCE, PROPERTY, CONTRACTS AND SUITS] Chapter 1 – Finance (Miscellaneous Financial Provisions) |
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287. Exemption from taxes on electricity— Save in so far as Parliament may by law otherwise provide, no law of a State shall impose, or authorise the imposition of, a tax on the consumption or sale of electricity (whether produced by a Government or other persons) which is— (a) consumed by the Government of India, or sold to the Government of India for consumption by that Government; or and any such law imposing, or authorising the imposition of, a tax on the sale of electricity shall secure that the price of electricity sold to the Government of India for consumption by that Government, or to any such railway company as aforesaid for consumption in the construction, maintenance or operation of any railway, shall be less by the amount of the tax than the price charged to other consumers of a substantial quantity of electricity. |
🔍 Article 287 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 12, अनुच्छेद 264 से लेकर अनुच्छेद 300क तक कुल 4अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Chapters | Title | Articles |
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I | वित्त (Finance) | Article 264 – 291 |
II | उधार लेना (Borrowing) | Article 292 – 293 |
III | संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) | 294 – 300 |
IV | संपत्ति का अधिकार (Rights to Property) | 300क |
जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) के बारे में है।
संविधान का यही वह भाग है जिसके अंतर्गत हम निम्नलिखित चीज़ें पढ़ते हैं;
- कर व्यवस्था (Taxation System)
- विभिन्न प्रकार की निधियाँ (different types of funds)
- संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States)
- भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा उधार लेने की व्यवस्था (Borrowing arrangement by Government of India or State Government)
- संपत्ति का अधिकार (Rights to Property), इत्यादि।
संविधान के इस भाग (भाग 12) के पहले अध्याय को तीन उप-अध्यायों (Sub-chapters) में बांटा गया है। जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं;
Sub-Chapters Title | Articles |
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साधारण (General) | Article 264 – 267 |
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States) | Article 268 – 281 |
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध (Miscellaneous Financial Provisions) | 282 – 291* |
इस लेख में हम अनुच्छेद 287 को समझने वाले हैं; जो कि प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध (Miscellaneous Financial Provisions) के तहत आता है। हालांकि मोटे तौर पर समझने के लिए आप नीचे दिये गए लेख से स्टार्ट कर सकते हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations) |
| अनुच्छेद 287 – विद्युत पर करों से छूट (Exemption from taxes on electricity)
Article 287 के तहत विद्युत पर करों से छूट (Exemption From Taxes On Electricity) का वर्णन है।
अनुच्छेद 287 के तहत मुख्य रूप से दो बातें कही गई है।
पहली बात) भारत सरकार द्वारा उपभोग की जाने वाली बिजली या भारत सरकार को बेची गई बिजली पर किसी राज्य की कोई विधि कोई टैक्स नहीं लगाएगी। उस स्थिति को छोड़कर जहां तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध करे।
याद रखें यह बिजली किसी सरकार द्वारा या अन्य व्यक्तियों द्वारा उत्पादित हो सकता है।
दूसरी बात) किसी राज्य की कोई विधि विद्युत के उपभोग या विक्रय पर जिसका किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में भारत सरकार या किसी रेल कंपनी द्वारा, जो उस रेल को चलाती है, उपभोग किया जाता है अथवा किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में उपभोग के लिए उस सरकार या किसी ऐसी रेल कंपनी को विक्रय किया जाता है, कोई कर अधिरोपित नहीं करेगी या कर का अधिरोपण प्राधिकृत नहीं करेगी।
विद्युत के विक्रय पर कोई कर अधिरोपित करने या कर का अधिरोपण प्राधिकृत करने वाली कोई ऐसी विधि यह सुनिश्चित करेगी कि भारत सरकार द्वारा उपभोग किए जाने के लिए उस सरकार को, या किसी रेल के निर्माण, बनाए रखने या चलाने में उपभोग के लिए यथापूर्वोक्त किसी रेल कंपनी को विक्रय की गई विद्युत की कीमत, उस कीमत से जो विद्युत का प्रचुर मात्रा में उपभोग करने वाले अन्य उपभोक्ताओं से ली जाती है, उतनी कम होंगी जितनी कर की रकम है ।
कुल मिलाकर कहने का अर्थ है कि अनुच्छेद 287 के तहत संसद द्वारा पेश कानून के अनुसार, किसी भी राज्य को अपने कानून के माध्यम से उस बिजली पर कोई कर लगाने की अनुमति नहीं है जो भारत सरकार द्वारा उपभोग की गई है या सरकार को बेची गई है।
अनुच्छेद में आगे स्पष्ट किया गया है कि रेलवे के जरूरत के उद्देश्य से जो बिजली खपत की जाती है या बेची जाती है, जो कि भारत सरकार द्वारा इसके निर्माण, रखरखाव या संचालन से संबंधित है, उस पर कोई कर नहीं लगाया जा सकता है।
इसके अलावा, अनुच्छेद 287 यह भी सुनिश्चित करता है कि बिजली की बिक्री पर कर लगाने वाला ऐसा कोई भी कानून यह सुनिश्चित करेगा कि भारत सरकार द्वारा उपभोग के लिए या या किसी भी रेलवे के निर्माण, रखरखाव या संचालन में खपत के लिए बेची गई बिजली की कीमत अन्य उपभोक्ताओं से पर्याप्त मात्रा में ली जाने वाली कीमत से कर की राशि से कम होगी।
कहने का अर्थ है कि यह अनुच्छेद किसी भी कानून की शक्ति को भी सीमित करता है जो ऐसे कराधान को लगाने या लगाने का अधिकार देता है जो बिजली पर बिक्री पर शुल्क लगाता है। ऐसा कानून यह सुनिश्चित करेगा कि भारत सरकार को बिजली की बिक्री पर जो राशि ली जा रही है, वह उन सामान्य उपभोक्ताओं से ली जाने वाली राशि की तुलना में लगाए गए कर की राशि से कम होनी चाहिए जो पर्याप्त मात्रा में बिजली का उपयोग करते हैं।
तो यही है अनुच्छेद 287 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |