हजारों लावारिस लाशों का सहारा मोहम्‍मद शरीफ का जीवन परिचय | Mohammad Sharif Biography in Hindi

Mohammad Sharif Biography in Hindi | हजारों लावारिस लाशों का सहारा मोहम्‍मद शरीफ का जीवन परिचय : मोहम्मद शरीफ जी के कामों के चर्चे हर जगह देखने को मिल ही जाते हैं | मोहम्मद शरीफ एक ऐसा नाम हैं को लावारिस लाशों का सहारा बने हैं और उनके अंतिम संस्कार को अंजाम दिया है | उन्हें लेकर यह कहा जाता है कि मोहम्मद शरीफ ने बीते 25 सालों में करीब 25 हजार से भी अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है | मोहम्मद शरीफ उन लोगों में से हैं , जो खुद के खर्च पर ऐसे लोगों का इलाज करते हैं , जो गरीबी और मज़बूरी के चलते अपने इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं | इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो किसी गंभीर बीमारी से पीढित हैं और अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं |

Mohammad Sharif Biography in Hindi

भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले मोहम्मद शरीफ के कामों के चर्चे हर जगह देखने को मिल ही जाते हैं | मोहम्मद शरीफ एक ऐसा नाम हैं को लावारिस लाशों का सहारा बने हैं और उनके अंतिम संस्कार को अंजाम दिया है , उन्हें लेकर यह कहा जाता है कि मोहम्मद शरीफ ने बीते 25 सालों में करीब 25 हजार से भी अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया है |

Mohammad Sharif Biography

Nameमोहम्‍मद शरीफ ( Mohammad Sharif )
Nick Nameशरीफ चाचा ( Sharif Chacha)
Known For25 हजार से भी अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार
Home Townअयोध्या

Mohammad Sharif Biography in Hindi

शरीफ चाचा उर्फ़ मोहम्‍मद शरीफ पेशे से एक साइकिल मैकेनिक का काम करते हैं | शरीफ चाचा अयोध्या स्थित अली बेग मोहल्ले के निवासी हैं | मोहम्‍मद शरीफ बीते 25 सालों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का काम कर रहे हैं | उनके बारे में यह कहा जाता है कि वे अब तक 25 हजार से भी अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं | वे फैजाबाद और इसके आसपास के इलाकों में काम करते हैं | उनके बारे में एक और बात जो सामने आती है , वह यह है कि मोहम्‍मद शरीफ ने कभी भी धर्म के आधार पर लोगों में कोई भेदभाद नहीं किया है. उनके बारे में यह बात भारत सरकार के एक बयान में भी कही गई थी | वे निस्‍वार्थ भाव से लावारिश लाशों का अंतिम संस्‍कार करते हैं |

हजारों लावारिस लाशों का सहारा मोहम्‍मद शरीफ का जीवन परिचय

मोहम्‍मद शरीफ अयोध्या के रहने वाले हैं और यहाँ बीते कई सालों से लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं | यहाँ के लोग मोहम्‍मद शरीफ को शरीफ चाचा के नाम से भी जानते हैं | अपने काम के लिए जाने जाने वाले मोहम्‍मद शरीफ को भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है , यही नहीं मोहम्‍मद शरीफ को अयोध्या राम मंदिर के भूमि पूजन का भी आमंत्रण दिया गया था |

मोहम्मद शरीफ चाचा पुरस्कार

  • शरीफ को सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए 2020 में पद्मश्री से नवाजा गया था |
  • शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन |

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Mohammad Sharif Chacha Story

मोहम्मद शरीफ के इस काम के पीछे एक घटना है जिसके बाद से उन्होंने इस काम को करने का मन बनाया था. दरअसल शरीफ चाचा का एक बेटा मेडिकल लाइन में काम करता था | वह सुल्तानपुर गया था जहां उसकी हत्या कर दी गई और इसके बाद शव को भी कहीं फेंक दिया गया | मोहम्मद शरीफ ने बेटे के शव को काफी ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिला | इस घटना के बाद से ही मोहम्मद शरीफ ने यह ठान लिया कि वे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करेंगे | इसके बाद शरीफ चाचा ने लावारिस शवों को ढूंढकर उसका अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया | अब वे बिना किसी भेदभाद के हिन्दू-मुस्लिम सभी का अंतिम संस्कार करते हैं | मोहम्मद शरीफ का कहना है कि जब तक उनकी जिंदगी है वे यह काम करते रहेंगे , इस काम को करने से उन्हें सुकून मिलता है |